Pages

RSS

Welcome to my Blog
Hope you enjoy reading.
Thanks to Dr. Neeraj Daiya.

इस ब्लाग का उद्देश्य मित्रों को अच्छे अच्छे हिन्दी एसएमएस उपलब्ध कराना है. सहयोग अपेक्षित है...जुडें और जोडें

Followers

29/01/2011

वह जो कभी साथ दिखती है, कभी छुप जाती है


वह जो कभी साथ दिखती है, कभी छुप जाती है
सिर्फ़ छाया होती है
हमें मुगालते में रखनेवाली
हमारी ही सिरफ़िरी काया होती है
*******

सदाएं जब बेताब हो जाती हैं
चाहतें इंकलाब हो जाती है
हर सांस एक ज़िंदगी हो जाती है
ख्वाहिशें आफ़ताब हो जाती है
*******

सपनें अच्छे होते हैं
मगर बहुत कम सच्चे होते हैं
सपनें देखिए पर उनके पीछे भागिए मत
सपनों के घर बहुत कच्चे होते हैं
*******

भ्रष्ट ताज भ्रष्ट राज
भ्रष्ट व्यवस्था भ्रष्ट काज
*******

खूबसूरती भी बन जाती है
खुद अपनी मौत का सामान
हर फ़ूल खूबसूरत होता है
टूटने से पहले
******



कुछ भी पूछ लीजिए पर
सच भूल कर भी नहीं
बता दीजिए कुछ भी मगर
सच भूल कर भी नहीं
*******

यारों की बगावतें होती हैं प्यारी
यारों में ही तो बसती है जान हमारी
ये हम में और हम इन में एकमेक
हम ही शिकार, हम ही शिकारी
*****

10/01/2011

हैं खासमखास पर
जब तब बंदूकें तान लेते हैं
यार सरे बाज़ार मेरे
दोस्ती का इम्तिहान लेते हैं
*******

इतने चेहरों की  भीड यहां पर
पर कितनों का चेहरा है अपना
कितने चेहरे, कितने मुखौटे
मुश्किल असल चेहरे परखना
*******

क्यूं ऎसी मायूसी क्यूं ऎसे खयाल
क्या हो गया ऎसा जो हुआ ये हाल
रखिए संभाल अस्तित्त्व की नींव को
आप ही तो हैं काल के महाकाल
*******

खिले कांटों में गुलाब ज्यूं
मैं तुम में खिला
तुम अपरिचित ही रहे
मैं रोज़ तुमसे मिला
*******

झूठ से हमेशा बच, लिखता हूं
टुकडे टुकडे ही सही, सच, सच लिखता हूं
मैं तमाशा नहीं कि देखे कोई
अपनी धुन में रहता हूं, अपने ही जैसा दिखता हूं

*******

ज़िंदगी में प्यार, यार जरूरी होता है
दिल के सुकूं के लिए एक दिलदार जरूरी होता है
हकूमत करने और दिखाने के लिए
एक दरबान जरूरी होता है
*******

इतने बेचारे क्यूं हैं हम
किसी के सहारे क्यूं हैं हम
तुमने तो कभी हमें समझा न अपना
फ़िर भी सिर्फ़ तुम्हारे क्यूं हैं हम
*******

Search This Blog