तुम्हारे हर सवाल का जवाब हूं मैं
तुम्हें किस किस पल का हिसाब दूं मैं
तुम्हारा हर अफ़साना दर्ज़ है मुझ में
दिल से पढो, तुम्हारी ही किताब हूं मैं
*******
जाने कितने क्या इल्ज़ाम लगाए उसने
एक-एक गिन-गिन कर सुनाए उसने
मोहब्बत का कत्ल करने मोहब्बत से
दिल पर नश्तर ही नश्तर चुभाए उसने
*******
हवाएं कब किसकी हुयी है
बहुत ही चंचला, छुईमुई है
हवाओं को बांधने की कोशिश में
कितनों की ही हवा निकल गयी है
*******
क्या कहें कैसे हैं हम
जैसे थे वैसे हैं हम
उड़ो तो आकाश
डूबो तो सागर हैं हम
*****
जानता हूं नहीं बुलाओगे, फ़िर भी मैं आऊंगा
तुम्हारी हर जली-कटी, सुनता चला जाऊंगा
तुम इंतज़ार ही करते रह जाओगे मेरे रोने का
फ़िर भी मैं, मुस्कराए चला जाऊंगा
1 comments:
Very good write-up. I certainly love this website. Thanks!
hinditech
hinditechguru
computer duniya
make money online
hindi tech guru
Post a Comment